भारतीय जनता पार्टी की प्रवक्ता द्वारा मोहम्मद पैगंबर को लेकर दिए टिप्पणी से दुनिया भर में भारतीय जनता पार्टी और भारत सरकार की आलोचना हो रही है. भारत में भी इसको लेकर तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं. बीजेपी प्रवक्ता के बयान के बाद दो समुदायों के बीच हिंसात्मक टकराव भी देखने को मिला है.
दरअसल, इस्लामिक देशों की संस्था OIC ने पैगंबर के खिलाफ बीजेपी प्रवक्ता नुपुर शर्मा द्वारा की टिप्पणी को लेकर भारत पर निशाना साधते हुए बयान दिया था. इस्लामिक संगठन ने 'भारत में मुसलमानों को निशाना बनाए' जाने की समस्या सुलझाने का आह्वान किया था. OIC ने भारत के शैक्षणिक संस्थाओं ने हिजाब को लेकर विवाद का भी जिक्र किया था.
OIC के आरोपों के बाद भारत ने इस्लामिक संगठनों को फटकार लगाई है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बयान जारी कर OIC सचिवालय की ओर से जारी बयान को संकीर्ण सोच वाली टिप्पणी करार दिया है.
विदेश मंत्रालय बयान जारी कर कहा है कि 'हमने ओआईसी के महासचिव से भारत पर बयान देखा है. भारत सरकार OIC सचिवालय के गलत और संकीर्ण मानसिकता वाले बयानों को खारिज करती है. भारत सरकार सभी धर्मों को सर्वोच्च सम्मान देती है.'
बयान में आगे कहा गया है कि, 'एक धार्मिक व्यक्तित्व को बदनाम करने वाले आपत्तिजनक ट्वीट और टिप्पणियां कुछ व्यक्तियों द्वारा की गई थीं. वे किसी भी रूप में भारत सरकार के विचारों को प्रतिबिंबित नहीं करते हैं. इन व्यक्तियों के खिलाफ संबंधित निकायों द्वारा पहले ही कड़ी कार्रवाई की जा चुकी है.'
OIC के बयान पर आपत्ति जताते हुए विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि, 'यह खेदजनक है कि OIC सचिवालय ने फिर से प्रेरित, भ्रामक और शरारती टिप्पणी करने के लिए चुना है. यह केवल निहित स्वार्थों के इशारे पर अपनाए जा रहे विभाजनकारी एजेंडे को उजागर करता है.'
विदेश प्रवक्ता ने अंत में कहा है कि, 'हम ओआईसी सचिवालय से अपने सांप्रदायिक दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने से रोकने और सभी धर्मों और धर्मों के प्रति उचित सम्मान दिखाने का आग्रह करेंगे.'